इस बार चुनावी समर ख़त्म होने का नाम ही नही ले रहा है ,कल मनमोहन सिंह जी ने १९ मंत्रियों के साथ दूसरी बार देश चलाने की जिम्मेदारी सम्हाल ली है .पिछली बार जिन्होंने अंत तक सरकार का साथ दिया वही आज अपने स्वार्थ के लिए देश को परेशानी मैं डालने के लिएतैयार बैठे हैं .इसका कारणसिर्फ़ एक है कि कांग्रेस इस बार सिर्फ़ साफ़ सुथरी छवि के नेताओं को ही मंत्री पद देना चाहती है ,साथ ही भारतीय राजनीति को भाई भतीजावाद से दूर ले जाना चाहती है ,करूणानिधिजी इस बार परिवार का मोह त्याग नही पा रहे हैं यही उन्हें
Saturday, May 23, 2009
Thursday, March 26, 2009
yuva netaon ko tikat kyon nahi ???
भारतवर्ष फिर चुनावी समर के लिए रण भूमि बनने को तैयार हो गया है ,लगभग सभी छोटी बड़ी पार्टियों ने आपने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है ,कुछ चेहरे जाने पहचाने हैं तो कुछ बिलकुल अनजान .लेकिन भारत का मतदाता नहीं बदला ....लेकिन मतदाताओं का पैटर्न बदल गया है ....अब भारत युवाओं का देश कहलाता है तो लाजमी है की दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का भविष्य भी इन्ही के हांथो में है ...पार्टियों की उम्मीदवारों की सूची में भले ही इनकी जगह नगण्य हो लेकिन पंद्रहवी लोकसभा की तक़दीर का फैसला तो ये युवा ही करेंगे ...शायद इसीलिए लाल कृष्ण अडवाणी जैसे नेता भी अपने आपको युवाओं से जोड़ने के लिए वेब पोर्टल का सहारा ले रहे हैं ...चिन्तसिर्फ कुर्सी पाने की है न की देश की बागडोर युवाओं के हांथो में देने की न ही उनके उद्धार की ...आज बदलती तकनीक के साथ युवाओं की जरूरतें भी बदल रही है और इन जरूरतों का ध्यान उनकी उम्र का शख्स ही अच्छे तरह से सकता है ..तो फिर अच्छे युवा नेताओ को मौका क्यो नही दिया जाता है यही मेरी चिंता है
आप क्या सोचते हैं हमे बताऎ
आप क्या सोचते हैं हमे बताऎ
Wednesday, March 25, 2009
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