Wednesday, February 24, 2010

सचिन चालीसा









जय सचिन क्रिकेट गुण सागर ,
जय क्रिकेटईश पृथ्वी लोक उजागर
खेलदूत अतुलित बल दामा ,
रमेश पुत्र तेंदुलकर नामा
सदाचारी सचिन सतरंगी ,
कीर्तिमान बनावे जीत के संगी
कंचन वर्ण छोटे कद का,
सर पे हेलमेट ,घुंगराले केशा
हाथ बल्ला और गेंद विराजे ,
सर पे चक्र सह तिरंगा साजे
ब्रैडमैन सम भारती नंदन ,
तेज प्रताप महा जग वंदन
बल्लेबाज गुनी अति चातुर ,
राष्ट्र काज करिबे को आतुर
सचिन को खेल देखबे को रसिया ,
अपनों काम काज सब छडिया
सुक्ष्म रूप धरि विकेट गिरावा
,
बिकट रूप धरि रन बनावा
भीमरूप धरि शतक बनाए ,
भारत की हार बचाए
विश्वकप में जब विपत्ति आई ,
पहुचा फ़ाइनल लाज बचाई
तुम उपकार धोनी कीन्हा ,
नए आए तबहु कप्तानी दीन्हा
तुम्हारो मंत्र धोनी माना,
विश्वविजेता भय सब जग जाना
भारत की जीत के काजही ,
शोकाकुल लौट आये अचरज नाही
दुर्गम मैच भारत के जेते,
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
क्रिकेट द्वार के तुम रखवाले,
होत ना कोई चिंता रे
जीत मिले तुम्हारी शरना ,
तुम रक्षक हार को डर ना
अपने रिकॉर्ड तोड़ो आपे ,
सब टीमें नाम से कापे
गेंदबाज कोई सामने ना आवे ,
सचिन तेंदुलकर जब नाम सुनावे
मास्टर ब्लास्टर सचिन जंगी,
हार मिटात जीत के संगी
संकट ते सचिन छुडावे,
जब मन क्रम वचन से लग जावे .
पाचो द्वीप परताप तुम्हारा

है प्रसिद्द जगत उजियारा